जेब में होगा होगा पैसा तो ही प्यास बुझेगी वरना प्यासे ही रह जाओगे ......
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कितना कुछ हमें इस देश ने विरासत में दिया है विराट संस्कृति , सुंदर प्रकृति व पर्यावरण, हिमालयऔर हिमालय से निकलती पतित पावन नदियाँ आदि |
प्रकृति ने बिना भेदभाव के हमें सब कुछ समान रूप से दिया उस पर सबका समान अधिकार दिया
क्या हम विरासत को सम्भाल पा रहे है ?
नहीं..............
हमने ही ऊच - नीच और भेदभाव की दुनियां का निर्माण किया और प्राक्रतिक संसाधनों पर सिमित वर्ग को कब्जा दे दिया ,जब जरूरत सबकी तो ये कब्जा किसी खास का क्यों ?
प्रकृति ने बिना भेदभाव के हमें सब कुछ समान रूप से दिया उस पर सबका समान अधिकार दिया
क्या हम विरासत को सम्भाल पा रहे है ?
नहीं..............
हमने ही ऊच - नीच और भेदभाव की दुनियां का निर्माण किया और प्राक्रतिक संसाधनों पर सिमित वर्ग को कब्जा दे दिया ,जब जरूरत सबकी तो ये कब्जा किसी खास का क्यों ?
देखिये ना अब एक और फंडा सर्व जल मतलब water atm सुनने और देखने में नई तकनीक है हम सबको इसका स्वागत करना चाहिए लेकिन मैं ऐसा क्यों कह रही हूँ विरोध क्यूँ दर्ज कर रही हूँ जानना चाहेंगे |
दिल्ली राजधानी है यहाँ क्या परेशानी हो सकती है लेकिन सच्चाई ये है की यहाँ परेशानी ही परेशानी है एक ही बात करते है पानी की अर्थात जल ,हम सब जानते है जल ही जीवन है लेकिन यहाँ जल भी नहीं है जो है उस पर भी कुछ वर्ग का कब्जा है ये पीने के पानी से सब काम करते यहां तक की गाड़ियों की धुलाई बगीचे की सिंचाई आदि अफ़सोस व दुःख की बात है जहा इस शहर की मेहनतकश गरीब जनता रहती है और जहा लोगो को सरकार ने पुनर्वास किया है बसाया है वहा पीने का पानी भी नहीं है , लोग प्रदूषित भूजल पीने को मजबूर है जिससे लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है |
अब लोग लड़ने लगे है और हक़ की बात करने लगे है तो आला कमानों में सुगबुकाहत होने लगी कभी टेंकर जिसमे भी साफ़ पानी नहीं होता दिल्ली जल बोर्ड का कहना है पानी ही नहीं है कहा से दे , लोगो ने और शौर मचाया और बराबरी की बात की तो अब बारी आगई सर्व जल मतलब water atm की इसका ठेका गुजरात की एक कम्पनी के पास आगया जो दिल्ली जल बोर्ड के साथ मिल कर ये काम कर रही है |
इसमें बुरा क्या है समझाने की बात ये है ?
कम्पनी के लोगो से बात की तो उनका कहना है की ये अधिकाँश जे जे कालोनी में लगाये जायेंगे ,अच्छी बात है पर इसके उपभोक्ता का कहना है पानी खारा है और तेलिय लगता है और पानी की कीमत तीस पैसा लीटर है |
निष्कर्ष ये की अत्यधिक गरीबी में आपको पीने का पानी की भारी कीमत चुकानी होगी जब की इसमें घर के अन्य इस्तमाल की बात नहीं है
आईये हम पानी के समान वितरण की बात करें हम ये ना भूले ये गंगा यमुना सरस्वती जेसी पावन नदियों का देश है जहा पानी के प्याऊ लगाने की परम्परा है पानी पिलाना पुन्य का काम है |
हम अपने हक की बात करे |
इन तकनीक को सार्वजिनिक स्थलों पर प्रयोग करें जहा पर मुसाफिरों को मज़बूरी में प्यास बुझाने के लिए बीस रूपये की बोतल खरीने के लिए मजबूर होना पड़ता है |
दिल्ली राजधानी है यहाँ क्या परेशानी हो सकती है लेकिन सच्चाई ये है की यहाँ परेशानी ही परेशानी है एक ही बात करते है पानी की अर्थात जल ,हम सब जानते है जल ही जीवन है लेकिन यहाँ जल भी नहीं है जो है उस पर भी कुछ वर्ग का कब्जा है ये पीने के पानी से सब काम करते यहां तक की गाड़ियों की धुलाई बगीचे की सिंचाई आदि अफ़सोस व दुःख की बात है जहा इस शहर की मेहनतकश गरीब जनता रहती है और जहा लोगो को सरकार ने पुनर्वास किया है बसाया है वहा पीने का पानी भी नहीं है , लोग प्रदूषित भूजल पीने को मजबूर है जिससे लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है |
अब लोग लड़ने लगे है और हक़ की बात करने लगे है तो आला कमानों में सुगबुकाहत होने लगी कभी टेंकर जिसमे भी साफ़ पानी नहीं होता दिल्ली जल बोर्ड का कहना है पानी ही नहीं है कहा से दे , लोगो ने और शौर मचाया और बराबरी की बात की तो अब बारी आगई सर्व जल मतलब water atm की इसका ठेका गुजरात की एक कम्पनी के पास आगया जो दिल्ली जल बोर्ड के साथ मिल कर ये काम कर रही है |
इसमें बुरा क्या है समझाने की बात ये है ?
कम्पनी के लोगो से बात की तो उनका कहना है की ये अधिकाँश जे जे कालोनी में लगाये जायेंगे ,अच्छी बात है पर इसके उपभोक्ता का कहना है पानी खारा है और तेलिय लगता है और पानी की कीमत तीस पैसा लीटर है |
निष्कर्ष ये की अत्यधिक गरीबी में आपको पीने का पानी की भारी कीमत चुकानी होगी जब की इसमें घर के अन्य इस्तमाल की बात नहीं है
आईये हम पानी के समान वितरण की बात करें हम ये ना भूले ये गंगा यमुना सरस्वती जेसी पावन नदियों का देश है जहा पानी के प्याऊ लगाने की परम्परा है पानी पिलाना पुन्य का काम है |
हम अपने हक की बात करे |
इन तकनीक को सार्वजिनिक स्थलों पर प्रयोग करें जहा पर मुसाफिरों को मज़बूरी में प्यास बुझाने के लिए बीस रूपये की बोतल खरीने के लिए मजबूर होना पड़ता है |
पुष्पा